गज़ल
गज़ल
प्यार में सब कुछ लुटाया इस जमाने के लिए
हार बैठे खुद को हम उनको जिताने के लिए
मेरी हर इक सांस पर काबिज हुए वो इस कदर
धड़कता है दिल भी बस उनको बुलाने के लिए
लो सुनो अब रूठ जाओ बेवजह ही हमसे तुम
आज फिर आएंगे हम तुमको मनाने के लिए
याद करते करते उनको आंख थी इक पल लगी
आ गये सपनों में फिर मुझको सताने के लिए
दूर जाना था यूं हमसे एक दिन सब छोड कर
पास क्यों आए थे मेरा दिल चुराने के लिए
वादा था उनसे कि हमने हंसके होना है जुदा
जाने कितने आंसू रोके मुस्कराने के लिए
नींद गर पलकों से तेरी रूठ जाए जब कभी
आएंगे ख्वाबों में हम तुमको सुलाने के लिए
हो तुम्हारे बस में तो तुम भूल जाओ शौंक से
हमको चाहिए इक उम्र तुमको भुलाने के लिए।