तो होगा ही क्या खोने को, लूट जाने को। तो होगा ही क्या खोने को, लूट जाने को।
ताकत है वो तुम्हारी, जिसे अक्सर लोग कमजोरी समझ लेते हैं। ताकत है वो तुम्हारी, जिसे अक्सर लोग कमजोरी समझ लेते हैं।
मुझे तेरे जिस्म की नहीं तेरी रूह की तलब थी पर तू तो किसी गैर की बाँहों में थी। मुझे तेरे जिस्म की नहीं तेरी रूह की तलब थी पर तू तो किसी गैर की बाँहों में थी।
अपना ही नहीं यहाँ मैं तो ग़ैरों का पता भी रखती हूँ अपना ही नहीं यहाँ मैं तो ग़ैरों का पता भी रखती हूँ
जी हुज़ूरी है तो जी हुज़ूरी ही सही। जी हुज़ूरी है तो जी हुज़ूरी ही सही।
यही है तेरे मेरे अनकहे रिश्ते। यही है तेरे मेरे अनकहे रिश्ते।