ग्यारह को तो देखकर ही सभी नौ दो ग्यारह होना चाहते ग्यारह को तो देखकर ही सभी नौ दो ग्यारह होना चाहते
ताकत है वो तुम्हारी, जिसे अक्सर लोग कमजोरी समझ लेते हैं। ताकत है वो तुम्हारी, जिसे अक्सर लोग कमजोरी समझ लेते हैं।
और भरोसा तो मुझे आज भी है क्यूंकि मैंने तो सुना था अनसुना भी ! और भरोसा तो मुझे आज भी है क्यूंकि मैंने तो सुना था अनसुना भी !
वो आग लगाकर हंसता रहा, और मैं, मैं तो बस जलता रहा, जलता ही ।। वो आग लगाकर हंसता रहा, और मैं, मैं तो बस जलता रहा, जलता ही ।।
तू रहे महफूज़- ए- मुक्कम्मल जहां में हमेशा दुआ मेरी ख़ुदा से बस यही इबादत करती है तू रहे महफूज़- ए- मुक्कम्मल जहां में हमेशा दुआ मेरी ख़ुदा से बस यही इबादत करत...
जिदंगी हर मोड़ पर मारेगी डंडे, पर तुम गाढ़ देना सफलता के झंडे। जिदंगी हर मोड़ पर मारेगी डंडे, पर तुम गाढ़ देना सफलता के झंडे।