कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....
तस्वीर कभी बदली नहीं, जिंदगी की भूख में। तस्वीर कभी बदली नहीं, जिंदगी की भूख में।
पछताना की उस शख्श के लिए, जिस के लिए तुम नहीं रुके थे। पछताना की उस शख्श के लिए, जिस के लिए तुम नहीं रुके थे।
सूरज की धूप सा था नया सवेरा बना लिया। सूरज की धूप सा था नया सवेरा बना लिया।
जानती है जब इश्क़ है आफ़त की पुड़िया...! जानती है जब इश्क़ है आफ़त की पुड़िया...!
बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत . बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत .