है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये समाज को गढ़ना है ! है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये ...
बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत . बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत .
लोगों का मान -इज्जत लोगों की भूख। लोगों का मान -इज्जत लोगों की भूख।
प्यार एक गुलाब की तरह है इसका कांटेदार रूप इसका कवच है। प्यार एक गुलाब की तरह है इसका कांटेदार रूप इसका कवच है।
अब वक़्त है निभाने का खुद से खुद का रिश्ता। अब वक़्त है निभाने का खुद से खुद का रिश्ता।
सौ रुपया प्रति किलो की दर से हम सब्जी का मूल्य चुकाते हैं पर बेबस किसान को उसका दस प्रतिशत भी नही... सौ रुपया प्रति किलो की दर से हम सब्जी का मूल्य चुकाते हैं पर बेबस किसान को उसक...