गुलाब और औरतें
गुलाब और औरतें
आपके होठों पर मीठी मुस्कान
प्यारी तुम्हारी आँखें,
मैं धीरे से कहता हूं
आज केवल गुलाबों का दिन है।
गुलाब पर गुलाब उगते हैं
जोर से हंसो
नहीं पता था कि यह नीचे जाएगा
प्रकृति के क्रूर नशे में।
मन में दुबका हुआ
आग के लिए देखो
अब उस महिमा को देखें
अन्यथा, मूल्य कहां है ?
समाज को जानने दें
लड़कियां अबला नहीं हैं
प्यार एक गुलाब की तरह है
इसका कांटेदार रूप इसका कवच है।
