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Upama Darshan

Others Tragedy

5.0  

Upama Darshan

Others Tragedy

एक प्रश्न

एक प्रश्न

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ये प्रश्न हमेशा से मेरे दिल और दिमाग को मथता है


किसी भी वस्तु का विक्रय मूल्य

तय करता उसका निर्माता है

फ़िर किसान को इस अधिकार से

क्यों वंचित रखा जाता है


खरी धूप में कठिन परिश्रम

करके वह फ़सल उगाता है

उसकी फ़सल का मूल्य दूसरों

द्वारा तय किया जाता है


सूखे या ओला वृष्टि से जब

फ़सल तबाह हो जाती है

तब आपदा का वह कोई

मुआवजा क्यों नहीं पाता है


करोड़ों का कर्ज बकाया रख

उद्योगपति शान से जीते हैं

ग़रीब किसान कर्ज से दब कर

अपना जीवन तज जाता है


सबका पोषण करने वाले

किसान के घर में अन्न के लाले

माँ धरती का सच्चा सपूत जो

दुख किया जाता उसके हवाले


सौ रुपया प्रति किलो की दर से

हम सब्जी का मूल्य चुकाते हैं

पर बेबस किसान को उसका दस

प्रतिशत भी नहीं मिल पाता है


हम को जीवित रखने वाला

किसान सबका अन्नदाता है

पर उसके श्रम का मुनाफ़ा

क्यों दलालों को जाता है


अपनी फ़सल का मूल्य तय करने

का हक़ क्यों किसान नहीं पाता है


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