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Upama Darshan

Drama

5.0  

Upama Darshan

Drama

कैसे अमीर

कैसे अमीर

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युग है नया और सोच नयी

परिभाषा अमीरी की बदल गयी

गरीब था वह जो कर्ज़ा लेता

पास न जिसके पैसा होता।


आज अमीरों की नयी कहानी

करोड़ों का कर्ज़ा लिए अंबानी

शान से फिर भी विला में रहते

कर्ज़ ले 'माल्या' और 'अदानी।'


आम आदमी की गाढ़ी कमाई

बैंक में सब 'एफ़ डी' करवाई

खर्चों पे अपने लगाम लगाई

जीवन भर जोड़ी पाई पाई।


दो कमरों में ज़िन्दगी गुज़ारी

घूमने पर की कटौती भारी

उद्योगपतियों को मिली उधारी

गरीब का पैसा अमीर पर वारी।


जीवन संध्या में जब वे पैसा पाते

लाखों उनके हज़ार सम रह जाते

आम आदमी के सपने रहते अधूरे

अमीरों के सब शौक होते हैं पूरे।


किस्सा अजब ये समझ न आया

फिर क्यों आखिर पैसा कमाया

कागज़ में वह बने करोड़पति

लुफ्त उठाते बड़े उद्योगपति।


करोड़ों का कर्ज़ा बैंक से पाते

शान से पूरा जीवन बिताते

सोने हीरे से लदे वे रहते

आलीशान बंगलों में रहते।


मोटा मुनाफ़ा भी हैं कमाते

फिर भी कर्ज़ा नहीं चुकाते

अमीर वे बैंक से कर्ज़ा लेकर

गरीब रहते बाकी कर्ज़ा देकर।


बैंक न उनसे तकाज़ा करता

लोन बराबर देता रहता

बहुत बड़ा ये गोरखधंधा

नेताओं को मिलता चंदा।


कैसा ये विचित्र खेल है

नेता सेठ बैंक का मेल है

गरीब से कर्ज़े की वसूली होती

अमीर के कर्ज़े की माफ़ी होती।


सूद की लॉलीपॉप से खुश हो

अपना पैसा हम उन्हें थमाते

हम ही उनको अमीर बनाकर

गरीबी में अपना जीवन बिताते।।


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