अर्बन नारी
अर्बन नारी
आधुनिक हुई अब अर्बन नारी
घर गृहस्थी से हुई बेज़ारी
सिलाई बुनाई से नाता तोड़ा
कुकिंग से उसने है मुख मोड़ा।
पुरुष से आज अपेक्षा सबको
कुकिंग में हो दक्षता उनको
बेबी सिटिंग से न घबराएँ
जरूरत पर शर्ट में बटन लगाएं।
बेटी क्लब पार्टी से रात में आए
मात-पिता न आपत्ति जताए
पति कमा कर घर खर्च चलाए
पत्नी के ख़र्च पर न उंगली उठाए।
नारी कश सिगरेट का लगाए
धुएँ के छल्ले हवा में उड़ाए
अजन्मी संतान पर दुष्प्रभाव का
तनिक भी उसको भय न सताए।
बच्चे पालना उसे न भाए
पब में जाकर पैग लगाए
परिधान पर कोई बोल न सकता
अंग प्रदर्शन पर टोक न सकता।
त्रासदी गर कोई हो जाती
दोषी वह सब को ठहराती
प्रकृति ने उसे अलग बनाया
इस सच को वह है झुठलाती।
व्हेन इन रोम, एक्ट लाइक रोमन्स
ये सिद्धांत समझ न आए
सबसे सुरक्षा की अपेक्षा करती
खुद इस दिशा में कदम न बढ़ाए।
पुलिस प्रशासन औ समाज पर
उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी
स्वछंद जीवन उसे है जीना
ये है आज की अर्बन नारी।