पछताना की उस शख्श के लिए, जिस के लिए तुम नहीं रुके थे। पछताना की उस शख्श के लिए, जिस के लिए तुम नहीं रुके थे।
अक्सर वो जब भी जोर से कहता है, ये तो तय है कि वो झूठ कहता है। अक्सर वो जब भी जोर से कहता है, ये तो तय है कि वो झूठ कहता है।
झोपड़ी में रहने वाला, उसका राजकुमार कहीं खो गया। झोपड़ी में रहने वाला, उसका राजकुमार कहीं खो गया।
घर से निकले बाहर कोई ना, बात सभी को समझानी होगी हाथ धोकर, मास्क लगाकर, समझदारी हमे दिखानी होगी। घर से निकले बाहर कोई ना, बात सभी को समझानी होगी हाथ धोकर, मास्क लगाकर, समझदार...
तू मांगेगा तो क्या तुझको गलवान दे देंगे, क्या आन बान शान अपना मान दे देंगे। तू मांगेगा तो क्या तुझको गलवान दे देंगे, क्या आन बान शान अपना मान दे देंगे।
गाँव भी न छोड़ा,नगर भी न छोड़ा मन मर्ज़ी अपनी,जिधर चाहा दौड़ा. गाँव भी न छोड़ा,नगर भी न छोड़ा मन मर्ज़ी अपनी,जिधर चाहा दौड़ा.