कोरोना - परिणाम हमारी अभिलाषाओं का
कोरोना - परिणाम हमारी अभिलाषाओं का
प्रगति पथ पर अग्रसर थी दुनिया, चहुं ओर खुशियाली थी
पहुंच चुकी थी दुनिया चांद पर, अब सूरज की बारी थी।
फिर अचानक एक वायरस ने, चारो ओर कोहराम मचाया
चहल - पहल थी जिस दुनिया में, उसे सुना शमशान बनाया।
पर इस मुश्किल घड़ी में कुछ लोग, देवदूत बनकर आए थे
अपनी जान जोखिम में डाल इन्होंने, दूसरों के प्राण बचाए थे।
समझना होगा कर्तव्य हमे भी, मानवता दिखलानी होगी
कोरोना को हराने वाली, हर तरकीब अपनानी होगी।
भूखा रहे ना कोई इस समय, हर गरीब तक रोटी पहुंचानी होगी
सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए ही, राष्ट्रीयता दिखलानी होगी।
घर से निकले बाहर कोई ना, बात सभी को समझानी होगी
हाथ धोकर, मास्क लगाकर, समझदारी हमे दिखलानी होगी।
छोटी सी यह चिट्ठी हमारी, जन- जन तक पहुंचानी होगी
जीतकर जंग कोरोना से, भारत मां की शान बढ़ानी होगी।