अग्नि परीक्षा
अग्नि परीक्षा
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मातृभूमि को करते नमन,
खून पसीने से सींचकर।
एक जवान, दूजा हलधर,
देते अग्नि परीक्षा जीवन भर।।
चलते जाए अग्नि पथ पर,
दोनों लोहा सा तपकर।
मातृभूमि पर करते न्यौछावर,
अपना तन- मन जीवन भर।।
मातृभूमि की लाज बचाएँ,
रक्षा करते बेटा बनकर।
वसुन्धरा लहलहाती जाए,
पालन करते पिता बनकर।।
पिता किसान, बेटा जवान,
अर्पण कर दें देश के लिए प्राण।
दोनों को नतमस्तक प्रणाम,
जय जवान जय किसान।।