यूंही खोते खोते ज़िन्दगी को, रुककर कुछ देर ढूंढ रही हूं खुद को, कागज़ और कलम में जी रही हूं खुद को।
जरूरी नहीं कि हर लड़की अवनी की तरह बहादुर हो। जरूरी नहीं कि हर लड़की अवनी की तरह बहादुर हो।
कुछ पल के लिए तो रुकजाओ न साथ छोड़ो मेरा। कुछ पल के लिए तो रुकजाओ न साथ छोड़ो मेरा।
तलाक़ के बाद आपके पिता या भाई ने आपका साथ नहीं दिया? तलाक़ के बाद आपके पिता या भाई ने आपका साथ नहीं दिया?
कमल बस उसके आखिरी शब्दों में खो गया, लाश ! कमल बस उसके आखिरी शब्दों में खो गया, लाश !
ये काम फिल्मों और किताबो के हैं , असल में तो आदमी सिर्फ औरत पर हक चाहता है! ये काम फिल्मों और किताबो के हैं , असल में तो आदमी सिर्फ औरत पर हक चाहता है!
असल प्रेम औरत के हिस्से कभी आया ही नहीं ! उसे खुद से प्यार करना किसी ने सिखाया ही नहीं असल प्रेम औरत के हिस्से कभी आया ही नहीं ! उसे खुद से प्यार करना किसी ने सिखाया ह...
इतना लिखकर शीला जी ने बेटे को खत के साथ प्रॉपर्टी के पेपर्स भी भिजवा दिए! इतना लिखकर शीला जी ने बेटे को खत के साथ प्रॉपर्टी के पेपर्स भी भिजवा दिए!
और जो सबकी जिम्मेदारी की पगड़ी अपने सिर बांधती है उसकी पगड़ी की रस्म तक नहीं होती। और जो सबकी जिम्मेदारी की पगड़ी अपने सिर बांधती है उसकी पगड़ी की रस्म तक नहीं होत...
अपने दिमाग से चले पर विधाता की मर्जी के आगे वो आज भी बेबस है। अपने दिमाग से चले पर विधाता की मर्जी के आगे वो आज भी बेबस है।
सौम्या बहुत टूटा हुआ महसूस कर रही थी, सोचते सोचते उसकी आंखों में आंसू आ गए सौम्या बहुत टूटा हुआ महसूस कर रही थी, सोचते सोचते उसकी आंखों में आंसू आ गए