यूंही खोते खोते ज़िन्दगी को, रुककर कुछ देर ढूंढ रही हूं खुद को, कागज़ और कलम में जी रही हूं खुद को।
Share with friendsउससे कहना अब उसके आड़े ना आएगा इश्क़ मेरा, वो ख़ुश है अपने चाहने वालों के साथ तो ख़ुश रहे “बेहिसाब”❤️❤️ अनीता भारद्वाज
यात्रा इस जीवन की, जी कर पूरी करना, भाग दौड़ के चक्कर में, यूंही बिना जिए इस जीवन की यात्रा को ना खत्म करना!!
जिंदगी तुझे सवाल दो चार करना चाहती हूं, होती है तू कैसी दिखने में तुझे सामने बिठा कुछ पल निहारना चाहती हूं!!
ये संघर्ष की गरम हवा सहन कर लो अपना दिल थाम कर, सफलता हर मौसम बदल देगी, तुम्हारे दुश्मन भी आयेंगे तुम्हारे दर तुम्हें अपना मानकर!!
मोह तो एक मां ही रखती है बस सच्चा, कितनी भी गलतियां कर लें, बन जाएं कितने भी बड़े, मां हमेशा कहती है; कोई बात नही मेरा बच्चा!!
सकारात्मकता ही असल दवाई है, इस महामारी में खुद को बचाने की, सेहत के साथ साथ कोशिश करें मानसिक स्वास्थ्य को भी स्वस्थ बनाने की!!