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Manju Rai

Inspirational

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Manju Rai

Inspirational

संग जीवनी - संजीवनी हर कदम

संग जीवनी - संजीवनी हर कदम

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हर कदम हर साया हो तुम 

संग हो जैसे मेरी परछाई हो तुम  


जैसे चूड़ी तुम्हारी हर पल खनक जाती 

साँस है मेरी वैसे आती - जाती 


पायल तुम्हारे पैरो में बजती 

सरगम मेरे हृदय में छिड़ती 


तुम्हारे माथे का टीका औ सिंदूर

मुझमें हर पल भरता गुरूर  


जब तक है ये तुम्हारा सोलह श्रृंगार

हर दिन मुझे मेरा लगता त्योहार 


तुम हो साथ मेरे , तुम ही संग जीवनी हो  

हर दिन जैसे मुझे मिल रही संजीवनी हो 



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