आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
तीर से न तलवार से,
लड़ाई तो जीती जाती है,
आत्मविश्वास से I
मन में लगन,
आँखों में सपने,
साहस की डोर थामे,
चल दे कंटीली राह में,
होंसलों के ले तू पंख पसार,
असीमित है आसमां,
धीर बन वीर बन अपने बाहुबल से,
समन्दर से भी राह निकल आती है,
आत्मविश्वास से I
अर्जुन सा लक्ष्य साध,
भरत सा बन वीर,
गंगा के वेग रोक दे,
देवव्रत सा बन दृढ़ प्रतिज्ञ,
तप एकलव्य सा,
बन दानवीर कर्ण सा,
कृष्ण विवेक मन सारथी से,
संसार के कुरुक्षेत्र में
धर्म पताका लहराती है,
आत्मविश्वास से I