प्रेम महिमा
प्रेम महिमा


प्रेम की प्यासी दुनिया ,
मिलता नहीं है प्यार।
प्रेम मिले तो जीत ,
न मिले तो हार।
आँखों से बयाँ होते हैं ,
मन के हर जज्बात।
पढ़ने वाला ही जाने ,
पीर और हर बात।
एक हाथ न बजे ताली ,
प्रेम न हाट बिकाय।
प्रेम से ही प्रेम मिले ,
माहिमा बखानी न जाय।
राधा प्रेम में भई कान्हा ,
कान्हा भये राधे।
प्रेम में दोनों हुए ,
कृष्ण औ राधे।
जीवन प्रेम बिना सूना ,
जैसे जल बिन मीन।
दोनों की कहानी अधूरी ,
मिले तो बने प्रेमवन जीवन।