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Sanjay Jain

Romance

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Sanjay Jain

Romance

कैसे पढ़े मोहब्बत को*

कैसे पढ़े मोहब्बत को*

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आंखें तो प्यार में,

दिलकी जुवा होती है।

सच्ची चाहत भी,

तो बेजुवा होती है।


प्यार में दर्द भी मिले,

तो क्या घबराना।

सुना है दर्द से चाहत,

और जबा होती है।


प्यार की प्यास को,

दिल वाले जानते है।

जो आंखों से कम,

दिलसे पीना जानते है।


मोहब्बत होती है क्या,

जो हर कोई नही जानते।

इसलिए आंखों के साथ,

दिलको भी पढ़ना होता है।


मोहब्बत के इतिहास को पढ़ो,

और उसे थोड़ा समझो।

शायद मोहब्बत करने का,

तुम्हारा इरादा बदल जाये।


और छोड़कर इसको तुम,

अपना रास्ता ही बदल दो।

या मोहब्बत के सागर में,

हमेशा के लिए डूब जाओगे।


और अपनी मोहब्बत को,

अमर कर जाओगे।

अमर कर जाओगे।


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