इनसे तो बस मैं अपना इरादा रख सकता हूँ इनसे तो बस मैं अपना इरादा रख सकता हूँ
"चुप रहना तुम ! सब सहना तुम !" वर्षों कहती रही मैं बेटियों को ऐसे प्रेरित नहीं करुँगी ! "चुप रहना तुम ! सब सहना तुम !" वर्षों कहती रही मैं बेटियों को ऐसे प्रेरित नहीं...
ऐसा भी तो कोई वादा ना था। ऐसा भी तो कोई वादा ना था।
आईना भी नहीं पहचानता शायद चेहरे पर अक्स गैर उतर जाता है आईना भी नहीं पहचानता शायद चेहरे पर अक्स गैर उतर जाता है
मेरी परेशानी को सार्वजनिक बता, वो मेरे आगे अब शीश नवाये। मेरी परेशानी को सार्वजनिक बता, वो मेरे आगे अब शीश नवाये।