एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत्कृष्ट सेवा कर गया। एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत...
बहुत मज़ा बहुत मज़ा
बीते बहुत दिन, लिखा नहीं एक शब्द बीते बहुत दिन, लिखा नहीं एक शब्द
और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत, और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत,
ऐसा भी तो कोई वादा ना था। ऐसा भी तो कोई वादा ना था।
तेरी हर खामोशी कुछ कह जाती है बिन जुबा ये बहुत कुछ बोल जाती है। तेरी हर खामोशी कुछ कह जाती है बिन जुबा ये बहुत कुछ बोल जाती है।