और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत, और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत,
पर इश्क पे तो लिखा भी नहीं जाता समझ ना आया हमें इश्क हुआ। पर इश्क पे तो लिखा भी नहीं जाता समझ ना आया हमें इश्क हुआ।
किसी महिला पर ऐसी कोई नौबत आए वक्त बदलते देर नहीं लगती। किसी महिला पर ऐसी कोई नौबत आए वक्त बदलते देर नहीं लगती।
वैसे ही दूसरों के भी है तो अच्छा कीजिए और अपने बच्चों को भी सिखाइए। वैसे ही दूसरों के भी है तो अच्छा कीजिए और अपने बच्चों को भी सिखाइए।
तू जी और खुल कर और चीख हां जी और खुल कर और चीख। तू जी और खुल कर और चीख हां जी और खुल कर और चीख।
जब तुम थे तो दुनिया अपनी थी हर खुशियां अपनी थी। जब तुम थे तो दुनिया अपनी थी हर खुशियां अपनी थी।