बस अब आकाश की नयी ऊँचाईयाँ छूते जाना है। बस अब आकाश की नयी ऊँचाईयाँ छूते जाना है।
सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब संजने लगते हैं। सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब संजने लगते हैं।
तकलीफ़ वो अपनी बताने के पहले ही सबकुछ समझकर हल कर देता सही तकलीफ़ वो अपनी बताने के पहले ही सबकुछ समझकर हल कर देता सही
रंगो की रंगत अब होने लगी है कुछ फीकी क्यों ना होली पे फिर हुड़दंग मचाया जाए। रंगो की रंगत अब होने लगी है कुछ फीकी क्यों ना होली पे फिर हुड़दंग मचाया जाए।
संवाद से ही संभव है उनके मन को समझ पाना। संवाद से ही संभव है उनके मन को समझ पाना।
अनजान सफर पर चलते हुए अपना नाम रौशन कर जाते हैं। अनजान सफर पर चलते हुए अपना नाम रौशन कर जाते हैं।