आकाश की ऊँचाइयाँ छूते जाना है
आकाश की ऊँचाइयाँ छूते जाना है
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अब नहीं रूकना मुझे
अब नहीं थकना मुझे
अब नहीं झुकना मुझे
अब नहीं थमना मुझे
बस आगे बढ़ते जाना है।
आकाश की नयी ऊँचाईयों को
अब छूते जाना है
जिंदगी की राह आसान नहीं
लेकिन डगमगाना नहीं
अब किसी हालत में।
बढ़ने की राह आसान कहां
हौसलों को कम ना होने देना
अब किसी हालत में।
सच्चाई के रास्ते आगे चलते जाना है
जानती हूँ रास्ते में कई रोड़े मिलेंगे,
कई कठिनाईयाँ आएँगी, आंधी तूफान आएँगे
जो रोकने चाहेंगे।
पर ना अब मुझको रूकना है
और ना गिरना है
बस अब आकाश की
नयी ऊँचाईयाँ छूते जाना है।।