STORYMIRROR

Gyan Priya

Romance

4  

Gyan Priya

Romance

प्रेम

प्रेम

2 mins
497

ये प्रेम ही तो है

जो तुम्हारी ना को हाँ

समझ लेता है

तुम्हारे गुस्से को

चुपचाप सुन लेता है

तुम मुझसे पूछती हो

कि तुम्हे प्रेम का

मतलब भी पता है

प्रेम ही तो है जो मैं

तुमसे करता हूँ


आज से नहीं कई

जन्म से करता हूँ

तुम जिस भी रूप में थी 

हर उस रूप से करता था,

करता हूँ और रहूँगा

तुम कहती हो 

मुझे प्रेम का सही मायने में

अर्थ नहीं पता है

जो मैं अब तक तुम्हारे

लिए करता था


तो वो क्या था

क्या वो प्रेम नहीं था,

जब तुम देर रात तक अपनी

पार्टियों से लौटकर आती थी

और मैं तुम्हारा खाने की टेबल

पर इंतजार करता था

क्या वो प्रेम नही था,


जब तुम खाना नहीं बनाती थी

और तुम्हें बचाने के लिए मैं

खाना बना दिया करता था

और या फिर सबसे साफ

झूठ बोल जाता था

कि आज तुम्हारी तबियत

ठीक नहीं है

क्या वो प्रेम नहीं था,


जब तुम शॉपिंग पर

मंहगा वाला हार ललचायी 

आंखों से देखती थी

और मैं तुम्हारे मन की बात

जानकर वो ख़रीद कर

तुम्हें दिला देता था, 

चाहे वो मेरी बजट से

बाहर ही क्यों ना हो

क्या वो प्रेम नहीं था,


जब तुम हर महीने मेरे

क्रेडिट कार्ड से हजारों से

ऊपर तक के शॉपिंग

कर डालती थी

चाहे उस सामान की

घर में जरूरत हो या ना हो

लेकिन क्या तब मैं तुमसे

कुछ कहता था

क्या वो प्रेम नहीं था,


जब तुम देर रात बुख़ार से

तड़पती रहती थी 

और मैं तुम्हारी पट्टियाँ

बदलता था

क्या वो प्रेम नहीं था,


जब भी हमारे बच्चों के

रोने के कारण तुम्हारी

नींद ख़राब होती थी

तो मैं भी तुम्हारे साथ

बच्चों को संभालता था

ताकी तुम जल्दी से सो सको

क्या वो प्रेम नहीं था,


हाँ हो सकता है मुझे सही

मायने में प्रेम का मतलब

नहीं पता है

पर सच तो ये भी है ना 

कि मैनें तुमसे बेइंतेहा

प्रेम किया है

भले मुझे ठीक से

प्रेम का अर्थ नहीं पता हो

पर प्रेम तो किया है तुमसे


पूरी उम्र, हर जनम

और करता रहूँगा

मैं नहीं जानता कि

तुम्हारी नजर में प्रेम

शब्द के क्या मायने हैं

पर मेरी नजर में यही

सच्चा प्रेम है


और मैं हमेशा से तुमसे

ऐसे ही सच्चा प्रेम करता

आया हूँ और करता रहूँगा

चाहे तुम इस प्रेम को जो

कुछ भी नाम दो, दो या ना दो

पर हम दोनों के जो कुछ भी है,

यही पवित्र प्रेम है जिसकी ना तो

कोई सीमा है और ना कोई उम्र...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance