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Shital Yadav

Romance

4  

Shital Yadav

Romance

तुम हो

तुम हो

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जुस्तजू में चाहत की हर सदा में तुम हो 

माँगू तहे दिल से मेरी हर दुआ में तुम हो


धड़कन बन तुम धड़कते हो लम्हा-लम्हा 

ली कसमें ज़िंदगी की हर वफ़ा में तुम हो 


बन गई है ज़ुबाँ ये निगाहें यूँ चाहत में तेरी 

ख़ामोश है पर दिल की हर रज़ा में तुम हो 


देखूँ जिधर मैं पाऊँ कशिश बेहद प्यार की 

करे मुकम्मल इश्क़ की हर ख़ला में तुम हो 


हुआ कुछ ऐसा कि बन गए हो ज़िंदगी तुम

बदले हुए ये मौसम की हर फ़ज़ा में तुम हो।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
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