ख़्वाबों के पहरेदार
ख़्वाबों के पहरेदार


दिल की हर तमन्ना पर है जिनका इख़्तियार
होने से उनके लगती ज़िंदगी ख़ूबसूरत बहार
दे जाती सपने मीठे जैसे आँखों में सुहानी रात
रखते हैं महफूज़ ऐसे मेरे ख़्वाबों के पहरेदार
उमड़ते हैं जब भी अंतर्मन में यूँ हज़ारों ख़याल
देता है शक्ल नज़रिए को ज़हन बन के दस्तकार
कहकशाँ-ए-आसमाँ से यूँ मुकम्मल मंज़िल तक
बने आग़ोश-ए-नींद में सोच की पाकीज़ा मीनार
इश्क़ सुफ़ियाना लगे ख़्वाब देता दस्तक दिल पर
मुस्कुराती आँखें ढकी करती मोहब्बत का इज़हार