पूरा कमरा तुम्हारी सौंधी-सौंधी महक में अब भी ठीक वैसे ही महक रहा था जैसे वो तुम्हारे आने पर महका... पूरा कमरा तुम्हारी सौंधी-सौंधी महक में अब भी ठीक वैसे ही महक रहा था जैसे वो ...
हर वक़्त तुम हो हर वक़्त तुम हो
मेरे जहन में जिसका तसव्वुर वो जहान् है कहीं ? उसके निशान मुझको क्यों मिलते नहीं? मेरे जहन में जिसका तसव्वुर वो जहान् है कहीं ? उसके निशान मुझको क्यों मिलते नह...
इस कदर ठिठुरा हुआ था सर्द लहज़े से, कहता था वो अलविदा और मैं खड़ा रहा इस कदर ठिठुरा हुआ था सर्द लहज़े से, कहता था वो अलविदा और मैं खड़ा रहा
चार दिन की ज़िन्दगी है मेरी चार चाँद इसमें मैं ही लगाऊंगा चार दिन की ज़िन्दगी है मेरी चार चाँद इसमें मैं ही लगाऊंगा
ज़हन में छुपी चाह यूँ ही टल जायेगी जब तेरी पोल फिर से खुल जायेगी ज़हन में छुपी चाह यूँ ही टल जायेगी जब तेरी पोल फिर से खुल जायेगी