दुनिया चाहे पत्थर हो जाये कभी खुद को पत्थर बनाना नहीं। दुनिया चाहे पत्थर हो जाये कभी खुद को पत्थर बनाना नहीं।
दिन भर चलाएँ शब्दों के बाण, करे ना किसी का लिहाज दिन भर चलाएँ शब्दों के बाण, करे ना किसी का लिहाज
अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है। अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है।
गाँव के बरगद की छाँव अच्छी है, क्या करोगे लेकर मकान शहर में। गाँव के बरगद की छाँव अच्छी है, क्या करोगे लेकर मकान शहर में।
इस धुंधली सी आंधी को दूर से ही नमस्कार कर दो। इस धुंधली सी आंधी को दूर से ही नमस्कार कर दो।
चुटकियों में इतना सब लिख दिया हैं तो फिर आज इतनी परेशान क्यों। चुटकियों में इतना सब लिख दिया हैं तो फिर आज इतनी परेशान क्यों।