सजता उसके सर ही जीत वाला सेहरा है। सजता उसके सर ही जीत वाला सेहरा है।
चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को
प्यादों की तरह मात खाते हैं। प्यादों की तरह मात खाते हैं।
बस चलते ही जाना इसकी नियत है। बस चलते ही जाना इसकी नियत है।
कीमत समझो वक्त की, वक्त बड़ा बलवान राजा बनते रंक हैं, रंक बने धनवान। कीमत समझो वक्त की, वक्त बड़ा बलवान राजा बनते रंक हैं, रंक बने धनवान।
उसकी चाल समझ आती नहीं कहते हैं वह बुरा किसी का करता नहीं उसकी चाल समझ आती नहीं कहते हैं वह बुरा किसी का करता नहीं