चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को चले थे करने अपनी क़ैद में उसकी आज़ादी को उसकी ताज़गी को उस रानी को
तुम्हारी शिकायत भी सिर्फ मुझसे ही है। तुम्हारी शिकायत भी सिर्फ मुझसे ही है।
शरीर को चाहिए रोटी, रोटी के लिए बिकता है शरीर, अस्मत और मजबूरी की, जंग जारी है शरीर को चाहिए रोटी, रोटी के लिए बिकता है शरीर, अस्मत और मजबूरी की, जंग जारी है
प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर ! प्यासी सूनी-अधूरी सी, एक कसक मन को देकर !
जीवन भर सा साथ मिला और बन गये वो सोलमेट मेरे। जीवन भर सा साथ मिला और बन गये वो सोलमेट मेरे।
आज की जो नारी है वह सब पर भारी है। आज की जो नारी है वह सब पर भारी है।