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Kanchan Prabha

Romance

3  

Kanchan Prabha

Romance

सोलमेट

सोलमेट

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इशारे मिलते रहे

जिन्दगी मे हर कदम

महफिल में

बाते भी चली थी

किसी बेताब नजरों ने

हमराज बनाना चाहा

किसी की धड़कन

कशक बन गई थी

गुजरने लगी जिन्दगानी


हर साँस इस कदर

और कारवां चल पड़ा

किसी अन्जानी दिशा की ओर

छट गई हर काली घटा


इक शमा सी जलने लगी

मै खामोश चल पड़ी

और बँध गई तुम्हारे पाश में

मुझे हमसफर मिला


जीवन भर सा साथ मिला

और बन गये वो सोलमेट मेरे।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

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