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Kanchan Prabha

Abstract Inspirational

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Kanchan Prabha

Abstract Inspirational

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा

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महादेवी वर्मा: श्रद्धांजलि

शब्दों की तुम दीपशिखा, उजियारा हर ओर किया,

नारी मन की व्यथा सुनाकर, अंतर्मन को चोर किया।

करुणा की कोमल सरिता, वेदना का अमृत गीत,

जग को तुमने दिया सहारा, भाव भरे अनमोल मीत।

नीर भरी अंखियों में तुमने, पीड़ा की गहराई दी,

और उसी में छिपी हुई, संघर्षों की परछाई दी।

साहित्य की वह अमर साधिका, नारी की पहचान बनी,

अपने स्वर से करुणा बरसी, संवेदनाओं की जान बनी।

हे वंदनीया, हे कवियत्री, कोटि कोटि अभिनंदन तुझे,

तेरे शब्दों के अमृत से, हर मन में नव जीवन सजे।


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