रगों की भावनाएं
रगों की भावनाएं


लाल रंग कहे प्रेम की बातें,
धड़कन जैसी धुन में नाचे।
कभी गुस्से की लपटें लाए,
कभी गुलाब-सा मुस्काए।
नीला रंग गगन-सा गहरा,
सपनों का यह पंछी बंवरा।
शांत लहर-सा मन को भाए,
कभी विरह में अश्रु बहाए।
पीला रंग है हँसी की धूप,
सूरज-सा यह भर दे ऊष्ण।
खुशियों का यह गीत सुनाए,
हर मन में नई आस जगाए।
हरा रंग विश्वास दिलाए,
धरती-सा यह सुख पहुँचाए।
नई कोंपल की कोमल भाषा,
हरियाली की मीठी आशा।
गुलाबी रंग चंचल प्यारा,
सपनों का मीठा इशारा।
ममता, कोमलता, मिठास,
हर धड़कन का इसमें वास।
काला रंग कहे कुछ गहरी,
रहस्यमयी-सी कोई पहेली।
दर्द समेटे, छाया बन जाए,
संकट में भी साथ निभाए।
हर रंग का अपना है गान,
भावनाओं का अनोखा जहान।
इनमें ही है जीवन समाया,
हर पल को इंद्रधनुष बनाया।