ज़िंदगी ठहर जा
ज़िंदगी ठहर जा
ज़िन्दगी ठहर जा ना,
हम भी तेरे साथी हैं।
जिंदगी ठहर जा
किसी समुंदर के किनारे
पल दो पल
गीत गुनगुना
चिड़िया के जैसे उड़
सूरज को बादलों के पीछे छुपा
खुशबूओ के रंग आंचल में भर
फूलों के झूले पर
जुगनुओं की रोशनी कर
सपनों की टोकरी में गुहर भर कर
हवा के हिंडोले पर बैठ कर
चाँद के घर दावत पर चल।