मन
मन
मैं कोई कवि लेखक नहीं...
विचारों के महासागर में
जब मन डूबने उतरने लगता है
लाख कोशिश के बाद भी जब
उससे उभरना मुश्किल हो जाता है तब
मन की तलहटी में जमा किए हुए
तुम्हारी यादों के बेशकीमती
गुहर चुन कर तुम्हारी पलकों में
छुपा कर रखी हुई नज्में चुरा लेती हूं !
