भीतर समाहित घूँट-घूँट निरन्तर प्रवाह, तरल सरल। भीतर समाहित घूँट-घूँट निरन्तर प्रवाह, तरल सरल।
वक्त की लहरों में जो छूट गए थे हाथ से.....। वक्त की लहरों में जो छूट गए थे हाथ से.....।
पूर्ण होने की आतुरता से उन्मुक्त, बस बहती चली जाती है। पूर्ण होने की आतुरता से उन्मुक्त, बस बहती चली जाती है।
गुहर चुन कर तुम्हारी पलकों में छुपा कर रखी हुई नज्में चुरा लेती हूं ! गुहर चुन कर तुम्हारी पलकों में छुपा कर रखी हुई नज्में चुरा लेती हूं !
जीवन की द्रुत मंझधार में, हिलोरें लेते उफनते ज्वार में, जीवन की द्रुत मंझधार में, हिलोरें लेते उफनते ज्वार में,
यह एक बंद कली थी ओस की बूंदों में नहाई। यह एक बंद कली थी ओस की बूंदों में नहाई।