अपनी-अपनी खूबसूरती का आँचल सर पर ओढ़े थिरकते इठलाते पूरी कायनात को घेरे। अपनी-अपनी खूबसूरती का आँचल सर पर ओढ़े थिरकते इठलाते पूरी कायनात को घेरे।
सरकारों को भी उठा सकते हैं ! सरकारों को भी उठा सकते हैं !
वहीं हजार पत्ता से एक घर बन जाता है वहीं हजार पत्ता से एक घर बन जाता है
संसार को यह संदेश बताती हूँ मैं हॉं नदी हूँ मैं। संसार को यह संदेश बताती हूँ मैं हॉं नदी हूँ मैं।
एक था थापा जिसकी आँखों में जवानी का नूर था, झुर्रियों में बुढ़ापे की थी झलक, कई वर्ष एक था थापा जिसकी आँखों में जवानी का नूर था, झुर्रियों में बुढ़ापे की थी झल...
आग से जल जाना पड़ा। आग से जल जाना पड़ा।