एक और एक ग्यारह
एक और एक ग्यारह
एक और एक ग्यारह
ग्यारह और एक
मिलकर हो गये बारह
जीवन के साथ गांठ में
सब चले मिल - जुल कर
तो हर मुश्किल आसान
मिलकर साथ करे जो
काम सभी तो छू ले आसमान
बड़े से बड़े काम को जो
एक न कर पाये
मिलते ही ग्यारह बने
हर काम आसान
एक छोटी सी चींटी
अकेले वजह न उठा पाती है
मिलकर साथी संग
पर्वत को हिला देती है
एकता के बल का है
एक अलग पहचान
मिल जाए साथ जहां सब
वहां हर काम आसान
पेड़ का एक पत्ता जहां
छाया न दे पाता है
वहीं हजार पत्ता से
एक घर बन जाता है
एक के अकेले होने से
हो न सके कोई काम
एक और एक ग्यारह
मिल जाए तो
हो जाए हर काम आसान।
