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Roshan Baluni

Inspirational

4  

Roshan Baluni

Inspirational

शहीदों की शहादत

शहीदों की शहादत

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शहीदों की शहादत पर,

नैन भरना छोड़ ले।

लिपटी तिरंगे देह पर,

फख्र करना सीख ले।।


फिर से नमन उस मात को,

दूध मैंने था पिया।

दिल से नमन प्रिय तात को,

शौर्य जिसने था भरा।

प्यारी बहन तुझको नमन,

सूत्र फिर से बाँध ले।

लिपटी तिरंगे देह पर,

फख्र करना सीख ले।।1।।


रक्तरंजित हो गये हैं,

भारती की शान में।

प्राण अपने दे चुके हैं,

निज वतन के मान में।

आबाद है तेरा वतन,

जान मेरी जान ले।

लिपटी तिरंगे देह पर,

फख्र करना सीख ले।।2।।


इस धरा पर फिदा हो के,

उस जहां को मैं चला।

प्रियसंगिनी को छोड़ के,

संग तारों में मिला।

अंतिम सफर में तू मुझे,

जरा फिर से चूम ले।

लिपटी तिरंगे देह पर,

फख्र करना सीख ले।।3।।


सौगंध है इस माटी की,

फिर तुझे पाऊँ वतन।

आन है तुझ मातृ भू की,

हँस-खिले तेरा चमन।

मैं सिपाही फिर बनूंगा,

आज जी भर देख ले।

लिपटी तिरंगे देह पर,

फख्र करना सीख ले।।4।।


शहीदों की शहादत पर,

नैन भरना छोड़ ले।

लिपटी तिरंगे देह पर,

फख्र करना सीख ले।।


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