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Chandra Prabha

Inspirational

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Chandra Prabha

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आज रक्षाबन्धन

आज रक्षाबन्धन

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   रक्षा बंधन का पर्व सुनहरा

  श्रावण पूर्णिमा का आज आया है,

  भाई बहिन के स्नेह का यह

  पावन पर्व होता आया है। 


  भाई बहिन के त्योहार की यह

   कहानी हज़ारों साल पुरानी है,

  जब बलि को भाई बनाया था

  भगवती लक्ष्मी ने बॉंधी राखी थी। 


  और उपहार में श्री विष्णु को लेकर 

  बलि के बन्धन से उन्हें छुड़ाया था,

  द्वारपाल बने थे जो बलि के स्वयं,

  पाताल लोक में जाकर उसके साथ। 


  बलि के यज्ञ में वामनावतार ले

  विष्णु याचक बने थे उसके ,

  तीन पग भूमि की याचना कर

  उसका सब कुछ नाप लिया था। 


  फिर प्रसन्न हो उसको वरदान दिया

  उसका पहरेदार बनना स्वीकार किया,

  नारद ऋषि की सम्मति पाकर के

  लक्ष्मी ने बलि से उनको मॉंग लिया। 


  छोटे भी बड़ों को रक्षासूत्र बॉंधे

  उनकी हर तरह रक्षा करें आशीष लें,

  देश रक्षा में सन्नद्ध सैनिकों को,

  रक्षासूत्र भेज विजय कामना करें। 


  इन्द्र का वृत्रासुर से संग्राम हुआ था

  तो इन्द्राणी ने रक्षा सूत्र दिया था,

  विजय पाई युद्ध में तब इन्द्र ने थी

  रक्षासूत्र ने ही रक्षा उनकी की थी।


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