अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव
आज़ादी का अमृत महोत्सव,
आज मना रहा है सारा देश,
सारी दुनिया पे छा जाये,
दृढ़ संकल्प से हमारा देश ।
पूरे हुए 75 वर्ष आज़ादी के हैं,
ग़ुलामी की ज़ंजीरें दूर हुई हैं,
मज़बूती से आगे अब बढ़ना है,
नए संकल्पों को अब लेना है।
कितने वीरों का असीम बलिदान है,
कितने सपनों का अतुल योगदान है,
स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है,
आज़ादी पर मर मिटने का जज़्बा है।
सुभाष, आज़ाद, भगतसिंह वीर
खुदीराम को याद करने का दिन है,
हमारे कल के लिये इन वीरों ने,
अपने आज का सब होम दिया है।
हमारे वैज्ञानिकों की सामर्थ्य है,
और उनकी अमूल्य प्रतिबद्धता है,
भारत अब बदल रहा है निरन्तर,
आत्म निर्भर बन रहा है निरन्तर।
कर्तव्यों को आगे रखना होगा,
परिश्रम से प्रयास करना होगा
अपने मनोबल को जगाना होगा,
साझा प्रयत्नों को करना होगा।
उठो, अपना तिरंगा लहरा दो,
भारत की शान को फहरा दो,
कुछ ऐसा नहीं जो तुम कर न सको,
कुछ ऐसा नहीं जो तुम पा न सको।