उन को नहीं भाती तेरी रोनी सूरत, कहते उनको ममता की मूरत। उन को नहीं भाती तेरी रोनी सूरत, कहते उनको ममता की मूरत।
पंथ मेरा है अपरिचित, रहने दो अमा को पंथ घेरे।। पंथ मेरा है अपरिचित, रहने दो अमा को पंथ घेरे।।
अकेला तो सूर्य भी नहीं कर पाता रोशन पूरी धरती को। अकेला तो सूर्य भी नहीं कर पाता रोशन पूरी धरती को।
सामर्थ्य से परिपूर्ण हूँ..! संघर्ष से दृढ़ निश्चय हूँ..! सामर्थ्य से परिपूर्ण हूँ..! संघर्ष से दृढ़ निश्चय हूँ..!
चींटी साहस की परिभाषा माॅं की ममता सी हो आशा हो मन पवित्र गंगाजल सा शिवम् प्रेम बढ़ा सकते हैं ।। चींटी साहस की परिभाषा माॅं की ममता सी हो आशा हो मन पवित्र गंगाजल सा शिवम् प्र...
कितने वीरों का असीम बलिदान है, कितने सपनों का अतुल योगदान है, कितने वीरों का असीम बलिदान है, कितने सपनों का अतुल योगदान है,