आ बरसो मेघा
आ बरसो मेघा
आ बरसो इस बगियन में ,धीर नहीं नैनन में,
घन घुमड़ घुमड़ घहराये, दामिनी दमकाये।
दामिनी दमकाये, विरहिन की आस जगाये,
पावस ऋतु में याद, पिया की मुझे दिलाये।
कहै 'प्रभा' करजोर,अरजना मेरी सुन लो,
अब न देर लगाओ ,बगियन में आन बरसो।।