दौड़ी चली आय कान्हा की राधा, कान्हा जब मुरलिया मधुर बजाय। दौड़ी चली आय कान्हा की राधा, कान्हा जब मुरलिया मधुर बजाय।
आ बरसो इस बगियन में ,धीर नहीं नैनन में, घन घुमड़ घुमड़ घहराये, दामिनी दमकाये। आ बरसो इस बगियन में ,धीर नहीं नैनन में, घन घुमड़ घुमड़ घहराये, दामिनी दमकाये।
मुझे हर पल हर दिन तेरी बंसी मधुर लगती कान्हा। मुझे हर पल हर दिन तेरी बंसी मधुर लगती कान्हा।
दर्द सह जाएंगे, आंसू पी जाएंगे, हद से भी हम गुजर जाएंगे, मानो या ना मानो। दर्द सह जाएंगे, आंसू पी जाएंगे, हद से भी हम गुजर जाएंगे, मानो या ना मानो।
याद पिया की जब जब आए नैनन में छा जाती.. याद पिया की जब जब आए नैनन में छा जाती..
बांसुरी भी है रूठ गयी अब राधा राधा यही सुर बजाए बांसुरी भी है रूठ गयी अब राधा राधा यही सुर बजाए