मुझें हर पल
मुझें हर पल
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मुझे हर पल हर दिन तेरी बंसी मधुर लगती कान्हा।
तू हर पल हर दिन बजाये मुरलि मधुर सुनाये राधा।
पीछे-पीछे दौड़ी आये तू मुरली मधुर बजाय कान्हा।
नटखट अदाओं से तेरी क्यूँ तुझमें मोहित हुई राधा।
नैनन में तेरे नैन मिलाये जब-जब तू बुलाये कान्हा।
पलकें भी ना छपकेगी जब-जब सुन के दौड़ी राधा।
अदायें तेरी नटखट छेलछबीली जब हर्षाये कान्हा।
पीछे-पीछे तेरे पास आती जाती काहे बुलाये राधा।
