STORYMIRROR

Hardik Mahajan Hardik

Others

3  

Hardik Mahajan Hardik

Others

उस मोड़ पर

उस मोड़ पर

1 min
11

उस मोड़ पर आजकल, वो दोस्त नहीं मिलते, 

जिस राह पर हम साथ, रहते और बैठते थे।


भूले नहीं हम कुछ भी, कुर्सी किनारा वही हैं,

खामोश समंदर , बस वो दोस्त साथ नहीं है।


हम ख्वाहिशों की अधूरी, कहानियाँ सुनाते हैं,

जहाँ दोस्त अपने पुराने जब भी साथ होते थे।


तब ख़ुशी और ग़म दोनों, ही अच्छे लगते थे,

"हार्दिक" सारे दोस्त मिलकर जिया करते थे ।



Rate this content
Log in