मना लेंगे
मना लेंगे
मन तुम में रमा, रूप नैनन बसा।
चाह तेरी ही रही, मानो या ना मानो।
सितम लाख से, जुलम लाख सहे,
दिल से तुम ना हटे, मानो या ना मानो।
दर्द सह जाएंगे, आंसू पी जाएंगे,
हद से भी हम गुजर जाएंगे,
मानो या ना मानो।
सितारों में छुपो, पार समुंदर बसो,
ढूंढ लेगी नजर, मानो या ना मानो।
मानता जहाँ ये है, प्यार की अदा वो है
बस रूठती मानती गुजर जाती है
मानो या न मानो।
रूठ गर जाओगे ऐसे ही मना लेंगे
मानो या न मानो।

