मैं कुछ भी कर लूँ सब की ख़ातिर, मगर मैं पराई हूं। मैं कुछ भी कर लूँ सब की ख़ातिर, मगर मैं पराई हूं।
शायद इसलिए जम गया में पिघलने से पहले आखरी बार। शायद इसलिए जम गया में पिघलने से पहले आखरी बार।
जो पा न सकी मन्जिल वो बदनुमा रास्ता बन गयी। जो पा न सकी मन्जिल वो बदनुमा रास्ता बन गयी।
जो रह रह कर ज़खमों पर नमक लगाते हैं। जो रह रह कर ज़खमों पर नमक लगाते हैं।
बड़े सितम से कट रही है जिंदगी, बड़े सितम से कट रही है जिंदगी,