जानना चाहती हूँ मैं तुम्हें बारिश की बूंद बनकर ! जानना चाहती हूँ मैं तुम्हें बारिश की बूंद बनकर !
और अपने साथ-साथ पेरेंट्स का नाम रोशन कर जाए। और अपने साथ-साथ पेरेंट्स का नाम रोशन कर जाए।
बना रहे एक दूसरे पर विश्वास कटु शब्दों न पहुँचे किसी को ठेस बना रहे एक दूसरे पर विश्वास कटु शब्दों न पहुँचे किसी को ठेस
जो ना समझ पाये लोक व्यवहार रह जाता अकेला व्यक्ति समाज से परिवार से। जो ना समझ पाये लोक व्यवहार रह जाता अकेला व्यक्ति समाज से परिवार से।
जो रह रह कर ज़खमों पर नमक लगाते हैं। जो रह रह कर ज़खमों पर नमक लगाते हैं।
एक नए नजरिये से इस दुनिया को देखने का। एक नए नजरिये से इस दुनिया को देखने का।