कोई आज शायर न होता
कोई आज शायर न होता
अगर दिल में कभी गहरा
कोई अहसास ना होता
कोई आज शायर ना होता।
बिखरी हुई हैं बातें मेरी
उन मोतियों की तरह
जिसे आसानी से नहीं
पिरोया जा सकता।
एहसान है मुझ पर
शुक्रगुजार हूं मैं
इश्वर का बहुत
जिन्होंने मुझे अलग
एक नए नजरिये से
इस दुनिया को देखने का।
यहाँ की कई बातों को
अपने कई विचारों को
कविताओं के जरिए
कहने का ज्ञान दिया।